Tuesday, April 12, 2011

aahat

जब से तेरे आने की आहट सुनी है,
   दिन तो कट जाता,
   पर शाम गुजरती है,
       यूँ ही ख्यालों में ,
 हर रोज नई तस्वीर बनाता हूँ ,
   दिवार पे उसे सजाता हूँ 
   जाने कौन सी वो तस्वीर होगी
 जिस पे और भी रंग लगाये जायेंगे....

Sunday, February 13, 2011

उनकी झील सी आँखों को जब से देखा है ,
  दिल चाहता है उस पार तैर कर जाना ,
पर डर लगता है तूफानों के लहरों से
 जो किस्ती को डुबो देतें हैं !

ek baat

एक बात मेरे मन में था 
    जिसे सोच मैं उलझन में था 
   न बातें ये होती 
ना उलझन ये होता 
   न दिल मेरा रोता 
    ना आँखें ये रोती